मैंने यहाँ पर लगभग
सभी कहानियाँ पढ़ी हैं। मैं कई बार
सोचता था अपनी कहानी लिखने के लिए
पर फिर मन बदल लेता था। पर आखिर
वो दिन आ ही गया जब मैं आप
लोगो को अपनी कहानी लिख रहा हूँ। यह
मेरी पहली और सच्ची कहानी है। मैं
दिल्ली का रहने वाला हूँ, उम्र 21 साल
है पर मुझे देखने पर ऐसा नहीं लगता कि मैं
21साल का हूँ। मेरे लंड का आकार 5"5 इंच
है।
मेरा और मेरे मामा का परिवार एक साथ
रहता था। मेरे मामा की शादी को2
साल हो गए थे पर उनके अभी तक कोई
भी बच्चा नहीं था। मेरे मामा एक
कंपनी में काम करते थे जिससे वो कई बार
2-4दिन तक घर नहीं आते थे।
मेरी मामी साक्षी, दिखने में
काफी सेक्सी लगती हैं उनके दूध (चूची)
काफी सेक्सी और गोल हैं, उन्हें देखते ही मन
करता था कि अभी दबा दूँ इन्हें और पी लूँ
इनका दूध।
कई बार जब वो कोई घर का काम करने के
लिए झुकती तो मुझे उनके दूध के दर्शन
हो जाते थे और मैं उन्हें
देखता ही रहता था। मेरी मामी को यह
बात पता थी कि मैं उनके दूध देखता हूँ पर
वो कभी कुछ नहीं बोलती। मैं उन्हें चोदने
की सोचता रहता था पर
डरता था कि कहीं घर पर सब
को ना बता दें और उनके नाम की मुठ मार
लेता और अपने लंड महाराज को शांत कर
लेता।
कभी मौका मिलता तो उनकी पैंटी को उठा कर
सूंघता, उसमें से बहुत ही मादक खुशबू
आती थी और मुठ मार लेता। वैसे अक्सर मुझे
उनकी पैंटी मिल
जाती थी क्योंकि वो सुबह नहाने के बाद
पैंटी निकाल देती और सारे कपड़े शाम
को धोती थी।
यह बात पिछली गर्मियों के उस दिन
की है जब घर पर कोई नहीं था, सिर्फ मैं
और मामी ही थे, सभी लोग गए हुए थे, 3
दिन में लौटने वाले थे। सभी सुबह ही चले
गए थे तो मैंने और मामी ने मिल कर घर
का सारा काम कर लिया और दोपहर में
आराम करने लगे। मामी को लेटते ही नींद
आ गई तो मैंने सोचा कि क्यों न कोई
मूवी देखी जाये।
मैंने अपना कंप्यूटर चालू किया और धूम-2
देखने लगा। इतने में ही मुझे ध्यान
आया कि कंप्यूटर में एक ब्लू फिल्म पड़ी है
और मैं वो देखने लगा। मेरा कंप्यूटर मैंने
अपने बिस्तर के पास ही रख रखा था। और
उस दिन मैं और मामी एक ही बिस्तर पर
थे।
मैं मूवी देख रहा था तो मुझे
लगा कि मामी जगी हुई है। थोड़ी देर
बाद मैंने अपना कंप्यूटर बंद कर दिया और
लेट गया मामी के साथ ही।
उन्होंने दिन में भी मैक्सी पहन
रखी थी जो काफी ढीली-ढाली थी।
मैक्सी में से उनके दूध बाहर निकल रहे थे।
तो मैंने सोने का नाटक करके अपना एक
हाथ उन पर रख दिया। और धीरे-धीरे
उन्हें दबाने लगा। उन्होंने कोई
प्रतिक्रिया नहीं की, मैं उन्हें
दबाता रहा। मेरा लंड पैंट के अन्दर से
ही सलामी दे रहा था और पैंट फाड़ कर
बाहर आने को हो रहा था।
इतने में ही उनकी आँख खुल गई तो मैंने
अपना हाथ वहीं रोक लिया और सोने
का नाटक करने लगा। पर उन्हें पता लग
गया था कि मैं सो नहीं रहा, सिर्फ नाटक
कर रहा हूँ।
वो फिर सो गई पर अब मैं समझ
गया था कि वो भी सो नहीं रही, सिर्फ
नाटक कर रही थी, जिससे मेरी हिम्मत
और भी बढ़ गई और थोड़ी ही देर बाद मैंने
फिर अपना हाथ उनके दूध पर रख
दिया और उन्हें दबाने लगा। इस बार मैं
कुछ ज्यादा ही जोर से दबा रहा था।
एकदम से उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया और
आँख खोल ली और मेरा भी सोने का नाटक
का राज खुल गया और उनका भी।
बस फिर क्या था मैंने सीधे ही उनके दूध
दबाने शुरु कर दिए। उन्हें
भी काफी मज़ा आ रहा था इसमें।
धीरे-धीरे मेरे हाथ उनकी चूत की तरफ
जाने लगे। जैसे ही मेरा हाथ
उनकी पैंटी पर लगा तो मुझे कुछ गीला-
गीला सा लगा।मैंने पैंटी के ऊपर से
ही उनकी चूत सहलानी शुरु कर दी। अब
मैंने उनकी मैक्सी उतार दी, अब वो मेरे
सामने सिर्फ पैंटी में थी।
वो क्या लग रही थी लाल पैंटी में ! मैं आप
को बता नहीं सकता।
अब उन्होंने मेरे कपड़े उतारने शुरु कर दिए।
उन्होंने मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से
ही पकड़ लिया और उसे दबाने लगी और
फिर उन्होंने अपने हाथों से मेरे अंडरवियर
को उतार दिया। अब मैं उनके सामने
बिलकुल नंगा था। उन्होंने नीचे बैठ कर
मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और उसे
लॉलीपोप की तरह चूसने लगी।
मुझे काफी मज़ा आ रहा था, मेरे मुँह
से .....ओह....ओह....अह....अह.... जैसी आवाज़ आ
रही थी।
कुछ देर बाद मैंने उनकी पैंटी उतार दी !
क्या चूत थी उनकी ! एकदम गुलाबी, जैसे
आज तक कभी न चुदी हो और
काफी उभरी हुई, उस पर एक भी बाल
नहीं था जैसे आज ही साफ़ किए हों।
मैं देखते ही उनकी चूत पर टूट पड़ा और हम
69की मुद्रा में आ गए। काफी देर तक हम
एक दूसरे को चूसते रहे। वो कभी मेरे लंड
का सुपारा होठों से दबा कर
तो कभी जीभ से सहला कर मजे ले रही थी।
मुझे बड़ा मजा आ रहा था। मैं भी उसकी चूत
के दाने को तो कभी चूत के दोनों होंठ चाट
रहा था जिससे उसे भी मजा आ रहा था और
उसके मुँह से सिसकारी निकल रही थी-
ओह... ओह.... अह.... अह....
और ऐसा सुन कर मैं और भी उत्तेजित
होता जा रहा था। हम लगभग30 मिनट
तक इसी मुद्रा में रहे। और हम
दोंनो ही एक साथ झड़ गए और एक दूसरे के
माल को पी गए।और जब अलग हुए
तो देखा कि5 बज गए थे तो मुझे दूध (भैंस
का दूध) लेने के लिए जाना पड़ा। वो घर
का काम करने लग गई।
उस दिन घर का सारा काम जल्दी-
जल्दी कर लिया, 8 बजे डिनर कर
लिया और उसके बाद एक दम फ्री हो गए
और बडरूम में आ गए।
और फिर शुरु हुआ खेल लंड और चूत का।
मामी मेरे लंड से लगभग दस मिनट
खेलती रही। फिर मैंने उन्हें
सीधा लिटा दिया और उनकी चूत चाटने
लगा। क्या स्वाद था उनकी चूत में! मैं
उनकी चूत के दोंनो होठों को चाट
रहा था और उनके मुँह से लगातार आवाजें आ
रही थी-
आह....ओह....अह....अह....ओह.....अह....अह.....ओह....अह....अह....
अब उन्होंने कहा- अब रहा नहीं जाता,
डाल अपना लंड मेरी चूत में और
बना इसका भरता। साली बहुत परेशान
करती है यह तुम्हारी मामी को।
इतना सुनते ही मैं उठा, उनके पैरों को ऊपर
करके फ़ैलाया और उनकी चूत पर अपना लंड
रख कर रगड़ने लगा। उनकी चूत
काफी संकरी थी दो साल शादी को होने
के बाद भी।
मैंने उनकी चूत को थोड़ा और फ़ैला कर
अपना लंड चूत पर रखा और एक जोर
का झटका मारा तो मेरे लंड
का सुपारा ही अन्दर जा पाया और उनके
मुँह से सिसकी निकली। पर इतने में ही मैंने
एक और झटका मारा और मेरा आधे से
भी ज्यादा लंड उनकी चूत में समां गया। मैं
अन्दर-बाहर करने लगा। 10-12 झटकों के
बाद ही मैंने एक और जोरदार
झटका मारा और मेरा पूरा लंड उनकी चूत
की गहराई में समां गया।
थोड़ी ही देर बाद वो भी नीचे से
मेरा साथ देने लगी और पूरे कमरे में फचा-
फच की आवाज़ गूंज गई। हमारा यह
कार्यक्रम30 मिनट तक चला और उसके
बाद उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया।
वो बिलकुल निढाल हो गई पर मेरा काम
अभी नहीं हुआ था। मैंने
अपनी गति बढ़ा दी और15-20 झटकों के
बाद मैंने भी अपना पानी छोड़ दिया और
उनकी चूत को अपने पानी से भर दिया।
मैं उनके ऊपर ही गिर गया पर मैंने
अपना लंड उनकी चूत से नहीं निकाला। हम
20मिनट इसी मुद्रा में रहे होंगे।
मैंने उस पूरी रात में उन्हें चार बार और
चोदा अलग अलग मुद्रा में और जब तक
हमारे घर वाले नहीं आये तब तक
हमारा यही कार्यक्रम चलता रहा।
हाँ ! उस रात मैंने उनकी गांड
का भी मज़ा चखा।
तो कैसी लगी मेरी कहानी? जरूर
बताना आप अपनी राय और सुझाव ताकि मैं
और कहानियाँ लिख सकूँ।आप मुझसे HOTMAIL पर चैट भी कर सकते हो
aryanraj143@hotmail.com
waah waah 🙂